रस की परिभाषा उदाहरण सहित दीजिए।ras ki paribhasha
रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्द चुनकर कीजिए -
1. अलंकारों का अनावश्यक प्रयोग कविता के सौन्दर्य को करता है। (वृद्धि /बाधित)
2 उपमेय में उपमान का आरोप अलंकार होता है। (उत्प्रेक्षा/रूपक)
3. अलंकार का सामान्य अर्थ है। (गहना/रस)
उत्तर 1.वृद्वि 2. उत्प्रेक्षा 3. गहना
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
प्रश्न 1 - जगन्नाथ के अनुसार काव्य किसे कहते हैं ?
उत्तर -पंडितराज जगन्नाथ के अनुसार रमणीय अर्थ के प्रतिपादक धर्म को काव्य कहते हैं।
(रमणीयार्थ प्रतिपादक : शब्द : काव्यम्)
प्रश्न 2 मुक्तक काव्य की परिभाषा लिखिये।
उत्तर-मुक्तक काव्य में प्रत्येक छंद अपने आप में स्वतंत्र और पूर्ण रहता है। छंदों में पूर्वापर संबंध नहीं रहता अतः छंदों या गीत का क्रम बदल लेने पर भाव स्पष्ट करने में असुविधा नहीं होती।
प्रश्न 3-प्रबंध काव्य की परिभाषा भेद सहित लिखिये
उत्तर- प्रबंधक काव्य-प्रबंध काव्य में कथावस्तु के अनुकूल घटना विशेष का क्रमबद्ध रूप से काव्यात्मक वर्णन होता है। इसके दो भेद हैं - महाकाव्य और खंडकाव्य।
प्रश्न 4. रस की परिभाषा उदाहरण सहित दीजिए। (कोई 01)
उत्तर - रस की परिभाषा "काव्य के पढ़ने, सुनने अथवा उसका अभिनय देखने में पाठक, श्रोता, दर्शक को जो आनंद की अनुभूति होती है उसे रस कहते हैं।"
.रस की परिभाषा “सहृदय के हृदय में स्थित स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव एवं संचारी भाव से संयोग होता है तब रस की उत्पत्ति होती है।"
उदाहरण- बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय।
सौंह करें भौहनि हँसे, दैन कहि नटि जाय।।
प्रश्न 5. छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये। (कोई एक)
उत्तर - छंद की परिभाषा "कविता के शब्दिक अनुशासन का नाम छंद है।"
2.छंद की परिभाषा "जिस काव्य में मात्रा, वर्ण, गण, यति, लय आदि का विचार करके शब्द योजना की जाती है
उसे छन्द कहते हैं।
उदा. - वरषा विगत शरद ऋतु आई, लक्ष्मण देखहु परम सुहाई
फूले कांस सकल महि छाई, जनु वरषा कृत सकत बुढ़ाई।
प्रश्न 6. अलंकार की परिभाषा लिखिएं
उत्तर -परिभाषा-अलंकार का सामान्य अर्थ है आभूषण या गहना। जिस प्रकार आभूषण धारण करने से नारी के शरीर की शोभा बढ़ती है, वैसे ही अलंकार के प्रयोग से कविता की शोभा बढ़ती है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रश्न 1- कविता के कितने पक्ष होते हैं ? वर्णन कीजिए।
उत्तर- कविता के दो पक्ष होते हैं – अनुभूति और अभिव्यक्ति
(अ) कविता का बाह्य पक्ष - अभिव्यक्ति पक्ष का संबंध बाह्य रुप से है।
कविता के बाह्य रुप के निर्धारण में निम्नलिखित कारक महत्वपूर्ण हैं
(1) लय
(2) तुक
(3) छन्द
(4) शब्दयोजना
(5) काव्यभाषा
(6) अंलकार
(7) काव्य-गुण आदि।
(ब) कविता का आंतरिक पक्ष - अनुभूति पक्ष का संबंध कविता के आंतरिक स्वरुप से है। इसके अंर्तगत रस, भाव सौन्दर्य, विचार सौन्दर्य, नाद सौन्दर्य और अप्रस्तुत योजना का सौन्दर्य शामिल किया जाता है।
प्रश्न 2 - काव्य के प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-2) काव्य के प्रकारों के नाम - भाषा के माध्यम से सौन्दर्यानुभूति की अभिव्यक्ति काव्य है।
काव्य के भेद निम्नलिखित हैं-
दृश्य
श्रव्य काव्य