राष्ट्रनिर्माण में नेहरू की भूमिका पर निबंध |rastra nirman me nehru ki bhumika|Bal divas par nibndh
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राष्ट्रनिर्माण में नेहरू की भूमिका पर निबंध |
राष्ट्रनिर्माण में नेहरू की भूमिका
देश को दी है योजनाएं,
लोहा और इस्पात बनाए।
प्रगति का दिया इनाम
नेहरू चाचा तुम्हे प्रणाम ।
पंडित जवाहर लाल नरव जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में कश्मीरी पंडित के एक समृद्ध परिवार में हुआ था । इनके पिता मोतीलाल नेहरू शहर के जाने माने वकील में लाया माता स्वरूपरानी नेहरू का संबंध लाहौर के एक सुपरिचित कश्मीरी प्राण परिवार से था। 13 वर्ष की उम्र तक अपने घर पर रह कर ही हिंदी, अंग्रेजी तथा संस्कृत भाषण का जान प्राप्त किया ।
आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ भारत के नव निर्माण लोकतंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बच्चों के चाचा नेहर और देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर नेहरू अद्भुत वक्ता , उत्कृष्ट लेखक , इतिहासकार , स्वप्नदृष्टा और आधुनिक भारत के निर्माता था। राष्ट्र के निर्माण में नेहरु जी में महत्वपूर्ण भुमिका निभाई है।
भारत की आजादी की लडाई की एक बड़ी घटना 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद पंडित नेहरू ने भारतीय राजनीति की दिशा में देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । उस समय मौलाना मोहम्मद अली जौहर के कहने पर वह जलियांवाला कांड के कारणों को जांच के लिए बनायी गयी समिति के सदस्य बने थे। पंडित नेहरू की ऐतिहासिक दृष्टि काफी प्रभावित करने वाली जिसका प्रमाण · डिस्कवरी ऑफ इंडिया, और रिलायसन ऑफ दवर्ल्ड हिस्ट्री है।
जवाहर लाल नेहरू जी को आधुनिक भारत का निर्माता कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद खस्ताहाल और विभाजित भारत का निर्माण करना कोई आसान काम नही था।
लेकिन पंचवर्षीय योजना उनकी दूरदृष्टि का ही परिणाम था। जिसके नतीजे वर्षे बाद मिल रहे है । स्वस्थ लोकतंत्र की नीव रखने और इसे मजबूत बनाने में पंडित जहरू का महत्वपूर्ण योगदान था। नेहरू- पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार चीन की तरफ भिन्नता का भी बढ़ायालेकिन 1962 में 'चीन ने धोखे से आक्रमण कर दिया ।-चीन का आक्रमण जवाहर लाल नेहरू के लिए एक बड़ा झटका था और शायद इसी वजह से उनकी मौत भी हुए | जवाहरलाल नेहरू को को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।
जवाहरलाल नेहरू जी को बच्चे बहुत प्रिय लगते थे । उनका मानना था कि यह बच्चे ही आगे चलकर देश का भविष्य निर्धारित करेंगे। इसलिए पंडित नेहरू की जन्मतिथि 14 नवंबर की पूरे भारत में बाल विवस' के रूप में मनाया
नेहरू के गुणों को भारत में आज भी याद करते हैं। भारत' एवं ' भारत के लोगों से असीम प्यार था। वे मानता
के समर्थक , शांति व अहिंसा के अग्रदूत और बन्धुत्व में पक्षधर व्यक्ति थे । इसिलिए पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का नाम विश्व के महानतम व्यक्तियों में लिया जाता है।
पाकर तुम माँ अनुपम लाल,
आदेश का अचा भाल
भूल नहीं सकते तुमको माध्य
अमर रहेंगा जुग -युग नाम!
चाचा नेहरू तुम्हें प्रणाम .....