class 10th hindi half yearly solution pdf|10वी हिन्दी अर्धवार्षिक परीक्षा 2021
Half yearly paper paper solution - हैलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारी वेबसाइट में और आज के इस नयी पोस्ट में हम अर्धवार्षिक परीक्षा 2021की तैयारी करेंगे और आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से सभी विषय की अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी भी कर सकते हैं आपको हमारी वेबसाइट के माध्यम से सभी विषयों के महत्वपूर्ण प्रश्न और इनके उत्तर प्रदान किए जाएंगे
1. छायावाद की चार विशेषताएं लिखिए।
उत्तर- छायावाद की मुख्य विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ)
1. आत्माभिव्यक्ति
2. नारी-सौंदर्य और प्रेम-चित्रण
3. प्रकृति प्रेम
4. राष्ट्रीय / सांस्कृतिक जागरण
5. मानवीकरण अलंकार का प्रयोग
2. प्रगतिवाद की चार विशेषताएं लिखिए।
उत्तर- प्रगतिवादी काव्य की विशेषताएं
1. समाजवादी यथार्थवाद/ सामाजिक यथार्थ का चित्रण,
2. सामाजिक समानता पर बल
3. शोसकों के प्रति विद्रोह एवं शोषितों के प्रति सहानुभूति
4. भाग्यवाद की उपेक्षा कर्मवाद पर बल
3. प्रयोगवाद की दो प्रमुख विशेषताएं बदलातते हुए दो प्रमुख कवियों के नाम एवं उनकी एक एक रचना का नाम लिखिए।
• उत्तर-प्रयोगवाद की विशेषताएँ
1. अनुभूति व यथार्थ का संश्लेषण बौद्धिकता का आग्रह
2. वाद या विचार धारा का विरोध
कवि रचनाएं
1. सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायनअज्ञेय भग्नदूत, चिंता
2. भवानी प्रसाद मिश्र गीत फरोश,
4. नई कविता की कोई दो विशेषताएं बताते हुए दो कवियों के नाम एवं उनकी दो दो रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-1. लघु मानव वाद की प्रतिष्ठा मानव जीवन को महत्वपूर्ण मानकर उसे अर्थपूर्ण दृष्टि प्रदान की गई।
2. प्रयोगों मे नवीनता नए-नए भावों को नए-नए शिल्प विधानों मे प्रस्तुत किया गया है।
कवि रचनाएं
1. भवानी प्रसाद मिश्र सन्नाटा, गीत फरोश
2.कुंवर नारायण चक्रव्यूह, आमने-सामने
5.रहस्यवाद की चार विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-1. अलौकिक सत्ता के प्रति प्रेम इस युग की कविताओं मे अलौकिक सत्ता के प्रति जिज्ञासा, प्रेम व आकर्षण के भाव व्यक्त हुए हैं।
2. परमात्मा मे विरह-मिलेन का भाव आत्मा को परमात्मा की विरहिणी मानते हुए उससे विरह व मिलन के भाव व्यक्त किए गए हैं।
3. जिज्ञासा की भावना सृष्टि के समस्त क्रिया तथा अदृश्य ईश्वरीय सत्ता के प्रति जिज्ञासा के भाव प्रकट गए है।
4. प्रतीकों का प्रयोग प्रतीकों के माध्यम मे भावाभिव्यक्ति की गई है।
6.भारतेंदु युगीन काव्य की चार विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-1. राष्ट्रीयता की भावना भारतेंदु युग के कवियों ने देश-प्रेम की रचनाओं के माध्यम से जन-मानस
मे राष्ट्रीये भावना का बीजारोपण किया।
2. सामाजिक चेतना का विकास भारतेंदु युग काव्य सामाजिक चेतना का काव्य है। इस युग के वियों ने
समाज में व्याप्त अंधविश्वासों एवं सामाजिक रूढ़ियों को दूर करने हेतु कविताएँ लिखीं।
3. हास्य व्यंग्य हास्य व्यंग्य शैली को माध्यम बनाकर पश्चिमी सभ्यता, विदेशी शासन तथा सामाजिक अंधविश्वासों पर करारे व्यंग प्रहार किए गए।
4. अंग्रेजी शिक्षा का विरोध भारतेंदु युगीन कवियों ने अंग्रेजी भाषा तथा अंग्रेजी शिक्षा के प्रचार-प्रसार
के प्रति अपना विरोध कविताओं में प्रकट किया है।
प्र. 30 निबंध को गद्य की कसौटी क्यों कहा गया है ?
उत्तर -गद्य साहित्य में निबंध को एक स्वतंत्र और सर्वश्रेष्ठ विधा के रूप में अपनाया गया है। रामचंद्र शक्ल के अनसार - "गदय रचना यदि कवियों की कसौटी है, तो निबंध गदेय की कसौटी है।" किसी लेखक का भाषा पर कितना अधिकार है, यह निबंध के द्वारा ही जाना जा सकता है।
प्र. 31 द्विवेदी युग की चार विशेषताएं लिखिए ।
उत्तर-द्विवेदी युग की चार विशेषताएं इस प्रकार हैं-
1. अंधविश्वासों रुढीयों का विरोध- इस युग के कवियों ने उस समय समाज में का प्रयास किया।
2. वर्णन प्रधान कविताएँ - यह इस युग की प्रमुख विशेषता है इस युग के कवियों
3. प्रकृति चित्रण - इस युग के कवियों ने प्रकृति के मनोरम चित्र खीचे
4. देश प्रेम की भावना- इस समय भारत परतंत्रता की बेडियों में बंधा हुआ था| अत: इस युग के कवियों ने देश प्रेम युक्त कविताओं की रचना की है।
प्र. 32 आत्मकथा के दो लेखकों तथा रचनाओं के नाम लिखकर आत्मकथा की दो विशेषताएं लिखिए।
उत्तर- लेखक रचनाएं
1. राहुल सांकृत्यायन -मेरी जीवन यात्रा
2. वियोगी हरि-मेरा जीवन प्रवाह
आत्मकथा की विशेषताएं-
1. इस विधा में रचनाकार दृष्टा एवं भोक्ता दोनों बना रहता है।
2. मानव जीवन में अटूट आस्था का होना आत्मकथा का प्रमुख तत्व है।
प्र.33 रेखाचित्र और संस्मरण में चार अंतर लिखिए।
उत्तर -1.रेखाचित्र में आत्मपरकता नहीं होती है इसमें कुछ बची हुई स्मुतियाँ हमारे दिल दिमाग में रेखा के रूप में बन जाती है रेखाचित्र कहलाती है.
संस्मरण में आत्मपरकता होती है ये हमारी पुरानी यादें होती हैं जो अचानक से
याद आ जाती है.
2.रेखाचित्र किसी भी कॉल हो सकता है, इसमें ये आवश्यक नहीं कि ये भूतकाल
का ही हो. ये आपका वर्तमान का भी हो सकता है. लेकिन संस्मरण हमारा
अतीत का ही होता है अर्थात भूतकाल का ही होता है.
3.रेखाचित्र में हम सामान्य व्यक्ति के बारे में बताते हैं लेकिन संस्मरण हमेशा
किसी प्रसिदध व्यक्ति का ही होता है. जिसके बारे में लेखक के जीवन में कहीं
न कहीं बहते महत्व होगा.
4.रेखाचित्र में कल्पना का समावेश हो सकता है ये चीज जरूरी नहीं की जिसके
विषय में आप लिख रहे हैं वो व्यक्ति वास्तविकता में हो लेकिन संस्मरण में
व्यक्ति का कभी न कभी होना अनिवार्य है अर्थात कि इसमें तटस्थता होना
अनिवार्य है.
प्र.34 नाटक और एकांकी में चार अंतर लिखिए-
उत्तर- 1.नाटक में अनेक अंक होते हैं जबकि एकांकी में केवल एक अंक
पाया जाता है अर्थात नाटक में कई लोगों के बारे में प्रस्तुति की जाती
है।
2. नाटक में आधिकारिक के साथ उसके सहायक और गौण कथाएं भी
होती हैं जबकि एकांकी में एक ही कथा का वर्णन होता है.
3. नाटक में किसी भी पात्र या चरित्र का क्रमश विकास दिखाया जाता है
जबकि एकांकी में चरित्र पूर्णतः विकसित रूप से दिखाया जाता है.
4. नाटक की विकास प्रक्रिया धीमी होती है जबकि एकांकी की विकास
प्रक्रिया बहुत तीव्र होती है.
प्र.35 कहानी और उपन्यास में कोई चार अंतर लिखिए.
उत्तर-
क्र. कहानी /उपन्यास
1. कहानी पढ़ने में कम उपन्यास पढ़ने में अधिक समय लगता है
2. कहानी में पात्रों की संख्या उपन्यास में पात्रों की संख्या कम होती है।
3. कहानी का आकार सीमित होता है।
उपन्यास का आकारविस्तृत होता है।
4.कहानी एक बैठक में समाप्त किया जा सकता है।
उपन्यास को पढ़ने में बहुत समय लगता है
प्र. 36 शुक्लोतर युग के निबंधों की चार विशेषताएं लिखिए -
• उत्तर-1.आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम पर यह युग 'शुक्ल युग' कहलाया।
2.गदय के क्षेत्र में निबन्ध की विधा में सबसे अधिक समृद्धि शुक्लजी ने ही की।
3. चिन्तामणि' में शुक्लजी के प्रौढ़तम निबन्ध संग्रहीत हैं। उनके निबन्ध साहित्यिक और आलोचनात्मक हैं।
4.'साधारणीकरण', 'व्यक्ति वैचित्र्यवाद', 'रसात्मक बोध के विविध रूप', 'काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था' आदि अनेक चिन्तापूर्ण एवं मौलिक विचारों वाले निबन्ध हैं।
प्र.37 संकलन त्रय क्या है? नाटकों में इसका क्या महत्व है?
उत्तर -संकलन-त्रय नाटक और एकांकी के क्षेत्र में तीन नाट्य-अन्वितियों काल, स्थान तथा कार्य के लिए प्रयुक्त पारिभाषिक शब्द है। कथावस्तु, चरित्र -चित्रण, संवाद, देश-काल, भाषा-शैली, उद्देश्य, अभिनेयता एवं संकलन-त्रय एकांकी नाटक के प्रमुख तत्व हैं। इनमें संकलन-त्रय का निर्वाह एकांकी और नाटक के लिए अनिवार्य है। नाटक में संकलन त्रय- संकलन त्रय तिन चीजों के संकलन को कहते हैं परन्तु साहित्य में यह विशेष अर्थ मेप्रयोग होता है जिस में देश यानी स्थान जैसे देहली कलकाता आदि दूसरा है काल जिस कसहिटी में अर्थ है समय यानि कोई घटना किस समय की है जैसे विभाजन की त्रासदी का समय स्वतन्त्रता के बाद का समय आदि और तीसरा है वातावरण यानि वहन पर कैसा वातावरण है उस समय लोग कैसी भाषा बोलते हैं कैसे वस्त्र पहनते हैं आदि इन तीनों को मिल कर साहित्य में संकलन त्रय कहते हैं।
प्र.38 निबंध की सर्वमान्य परिभाषा देते हुए उसकी तीन प्रमुख शैलियों के नाम लिखिए-
उत्तर-किसी एक विषय पर विचारों को क्रमबद्ध कर सुंदर, सुगठित और
सुबोध भाषा में लिखी रचना को निबंध कहते हैं।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने निबंध की परिभाषा देते हुए लिखा, “आधुनिक
पाश्चात्य लेखकों के अनुसार निबंध उसी को कहना चाहिए जिसमें व्यक्तित्व
अर्थात् व्यक्तिगत विशेषता है।
1. वर्णनात्मक निबंध
2. विवरणात्मक निबंध
3. विचारात्मक निबंध
कक्षा-9वीं के महत्वपूर्ण प्रश्न
कक्षा-10वीं के महत्वपूर्ण प्रश्न
class 10th hindi half yearly solution |
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