12th hindi varshik pariksha paper solution mp board 2023 pdf download|कक्षा-12वी हिन्दी वार्षिक परीक्षा पेपर
Annual exam 12th hindi board paper solution 2023- हैलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारी वेबसाइट में और आज के इस नयी पोस्ट में हम वार्षिक परीक्षा 2022 की तैयारी और आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से कक्षा-12वीं हिन्दी वार्षिक परीक्षा पेपर 2023 की तैयारी भी कर सकते हैं आपको हमारी वेबसाइट के माध्यम से सभी विषयों के महत्वपूर्ण प्रश्न और इनके उत्तर प्रदान किए जाएंगे
वार्षिक परीक्षा मे कितना सिलेबस आएगा??
सभी छात्रों के मन में यह सवाल है कि बोर्ड परीक्षा मे कितना सिलेबस आएगा जैसे कि आप सभी को पता होगा कि माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश ने हाल ही में एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि कक्षा 9 वीं से लेकर 12 वीं तक की सभी कक्षों की वार्षिक परीक्षा प्रारम्भ होंगी अब हम बात करे कि बोर्ड परीक्षा मे कितना सिलेबस आएगा तो आप सभी कक्षाओं के सिलेबस को आसानी से हमारी वेबसाइट के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं
बोर्ड परीक्षा 2023 का पैटर्न कैसा रहेगा??
बोर्ड परीक्षा मे पैटर्न प्रश्न क्रमांक 1 से 5 तक 32 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे।
सही विकल्प 06 अंक,
रिक्त स्थान 07 अंक,
सही जोड़ी 06 अंक,
एक वाक्य में उत्तर 07 अंक,
सत्य असत्य 06 अंक,
संबंधी प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न पर 01 अंक निर्धारित है। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को छोड़कर सभी प्रश्नों में आंतरिक विकल्प का प्रावधान होगा। यह विकल्प समान इकाई/उप इकाई से तथा समान कठिनाई स्तर वाले होंगे।
इन प्रश्नों की उत्तर सीमा निम्नानुसार होगी
अतिलघुउत्तरीय प्रश्न-लगभग 30 शब्द
लघुउत्तरीय प्रश्न - लगभग 75 शब्द
विश्लेषणात्मक - - लगभग 120 शब्द
40 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न, 40 प्रतिशत पाठ्यवस्तु पर आधारित प्रश्न, 20 प्रतिशत विश्लेषणात्मक प्रश्न होगें।
सत्र 2021-22 हेतु कम किये गये पाठ्यक्रम से प्रश्न पत्र में प्रश्न न दिये जाये। पाठ्यवस्तु पर आधारित प्रायोजना कार्य हेतु 20 अंक आवंटित है।
हायर सेकेण्डरी परीक्षा सत्र 2023
कक्षा-बारहवीं
विषय-हिन्दी
समय-3 घंटा
पूर्णाक-80 अंक
निर्देश:-
सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है।
प्रश्न क्र-1 से 5 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं। जिनके लिए 32 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न क्रमांक 6 से 16 तक 2 अंक के प्रश्न हैं। शब्द सीमा लगभग 30 है।
प्रश्न क्रमांक 18 से 19 तक 3 अंक के प्रश्न हैं। शब्द सीमा लगभग 75 है।
प्रश्न क्रमांक 20 से 23 तक 4 अंक के प्रश्न हैं। शब्द सीमा लगभग 120 है।
अंक-06
प्रश्न क्र.-1 सही विकल्प चुनकर लिखिए :-
(i) भक्तिन सेवक धर्म में स्पर्धा करती थी :-
राम
कृष्ण
(स) हनुमान
लक्ष्मी
(ii) चौके के गीले होने का भावार्थ है :-
नए जीवन का उदय (ब) वातावरण में नमी
(स) भोजन के लिये तैयार होना (द) वातावरण में शुष्कता
(iii) सिल्वर बैंडिंग से अभिप्राय है :-
(अ) स्वर्ण जयंती
(ब) हीरक जयंती
(स) रजत जयती
कास्य जयंती
(iv) विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रही भारत की संस्थाएँ हैं :-
चार
(ब) तीन
(स) पाँच
(द) सात
(v) "विभावानुभावव्याभिचारी संयोगात् रस निष्पत्ति।" यह परिभाषा है :-
(अ) आचार्य विश्वनाथ (ब)
आचार्य भरतमुनि
(स) आचार्य भामह
(द)
आचार्य मम्मट
(vi) "टेढ़ी खीर” मुहावरे का अर्थ है :-
(अ) खीर खाना
मीठी खीर
(स) सरल कार्य
(द) कठिन कार्य
अंक-07
प्रश्न क्र.-2 रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्दों को लिखकर कीजिए :-
(1) शिरीष का पेड़ अपना रस- -से खीचता है।
(वायुमंडल/ ओजोन मंडल)
(ii) "बगुलों के पंख" के रचनाकार
है।
(रघुवीर सहाय/उमाशंकर जोशी)
1
(iii) कूटीकरण को
-भी कहते हैं।
(एनकोडिंग/ऑउट कोडिंग)
(iv) आनन्दा की पाठशाला -से लगती थी।
(दस बजे/ ग्यारह बजे)
'अच्छे विद्यार्थी परिश्रमी होते हैं यह-
-वाक्य है।
(संयुक्त/साधारण)
(vi) गद्य-पद्य मिश्रित काव्य -कहलाता है।
(चम्पू काव्य/मुक्तक काव्य)
(vii) आधुनिक काल के जनक
-माने जाते हैं।
(भारतेन्दु हरिशचन्द्र/महावीर प्रसार द्विवेदी)
प्रश्न क्र.-3 सही जोड़ियों का मिलान कर लिखिए :-
अंक-06
"अ'
'व
(i) "पहलवान की ढोलक'
(क)
छःककार
(ii)
हरिवंश राय बच्चन
(ख) देव नागरी
(iii) 'अतीत के पॉव
(ग) माधुर्य, ओज व प्रसाद
(iv) हिन्दी भाषा की लिपि
(घ)
फणीश्वर नाथ रेणु
(v)
स्तम्भ लेखन
(vi) समाचार लेखन के
(च) 'आत्म परिचय
(छ)
अमिधा, व्यंजना व लक्षणा
प्रश्न क्र.-4 निम्न प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए
अंक-07
शब्द गुण
यात्रा वृतान्त
(i) राजभाषा से आप क्या समझते हैं ?
(ii) कविता का पहला उपकरण क्या है ?
(iii) यशोधर बाबू ने मैट्रिक की परीक्षा किस स्कूल से पास की थी?
(iv) “मैं पढ़-लिखकर वकी बनूँगा” अछूतों के लिए कानून बनाऊँगा और
छुआछूत को खत्म करूँगा"-कथन किसका है?
(v) कविता पंख लगाकर कहाँ-कहाँ उड़ सकती हैं ?
(vi) राजा ने लुट्टन से क्या कहा?
(vii) महाकाव्य में किन-किन रसों की प्रधानता रहती है?
सत्य/असत्य वाक्यों का चयन कर लिखिए :-
अंक-06
प्रश्न क्र.-5
(i) क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द क्रिया विशेषण होते हैं।
(ii) शब्द शक्ति चार प्रकार की होती है।
(iii) सिन्धु घाटी सभ्यता में पत्थर और ताँबे का प्रयोग होता था।
(iv) लेखन का आशय यान्त्रिक हस्तकौशल होता है।
(v) पाठ 'रुबाइयाँ व 'गजल' में कवि ने स्वयं को देश पर न्यौछावर कर
दिया।
(vi) 'मेरी कल्पना का आदर्श समाज' पाठ के लेखक बाबा साहेब भीमराव
अम्बेडकर हैं।
अंक-2
प्रश्न क्र.- भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी?
अथवा
पर्चेजिंग पाव से क्या अभिप्राय है?
अंक-2
प्रश्न क्र.-1 बच्चे किस बात की आशा में नीड़ों से झॉक रहे होंगे?
अथवा
रचना के संदर्भ में 'अंधड़' और 'बीज' क्या हैं?
अंक-2
प्रश्न क्र.- सवैया छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए?
अथवा
प्रांतिमान अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए?
अंक-2
प्रश्न क्र.-. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ सहित वाक्य में प्रयोग कर लिखिए ?
(i) अपना उल्लू सीधा करना
(ii) खाक छानना
अथवा
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कर लिखिए :-
(i) शोक है कि तुम घायल हो गए।
(ii) घर में चाय केवल नाम मात्र को बची है।
अंक-2
प्रश्न क्र.-10 कहानी व उपन्यास में कोई दो अंतर लिखिए?
अथवा
नाटक एवं एकांकी में कोई दो अंतर लिखिए?
प्रश्न क्र.-11 संचारी भाव किसे कहते ? किन्हीं चार संचारी भावों के नाम लिखिए? अंक-2
अथवा
व्यंजना शब्द शक्ति की परिभाषा उदाहर सहित लिखिए?
प्रश्न क्र.-12 'जूझ कहानी के आधार पर बताइए कि लेखक की माँ ने पाठशाला जाने में
क्या सहायता की?
अंक-2
अथवा
मुअनजो-दड़ों के घरों की कोई दो विशेषताएँ लिखिए ?
3
अंक-2
प्रश्न क्र.-13 फीचर-लेखन से क्या आशय है?
अथवा
बिंब क्या है? कविता में बिंब का क्या कार्य है?
प्रश्न क्र.-14 भाव पल्लवन कर लिखिए ?
अंक-2
"मुल्क बदल जाए वतन तो वतन होता है
अथवा
उपसर्ग एवं प्रत्यय में अंतर लिखिते हुए दोनों के एक-एक उदाहरण दीजिए?
प्रश्न क्र.-15 छायावाद की दो प्रवृत्तियाँ लिखते हुए दो छायावादी कवि के नाम लिखिए ?
अंक-2
अथवा
प्रगतिवाद की दो प्रवृत्तियों लिखते हुए दो प्रगतिवादी कवि के नाम लिखिए ?
प्रश्न क्र.-16 फणीश्वरनाथ रेणु अथवा हजारी प्रसाद द्विवेदी की निम्न बिन्दुओं के आधार पर
साहित्यगत विशेषताएं लिखिए ?
अंक-3
(i) रचनाएँ - कोई दो
भाषा - शैली
प्रश्न क्र.-17 कुँवर नारायण अथवा रघुवीर सहाय की काव्यगत विशेषताएँ लिखिए ? अंक-3
(i) रचनाएँ- कोई दो
भाव पक्ष - कला पक्ष
प्रश्न क्र.-18 'आधुनिक भारत' इस शीर्षक पर एक अनुच्छेद लिखिए ?
अंक-3
अथवा
'जनसंख्या समस्या इस शीर्षक पर डॉक्टर तथा नागरिक का संवाद लिखिए।
प्रश्न क्र.-19 निम्न लिखित अपठित गद्यांश/अपठित काव्यांश के प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
अंक-3
"जो अनगढ़ है जिसमें कोई आकृति नहीं, ऐसे पत्थरों को आकृति प्रदान करना,
उसमें कलात्मक संवेदना जगाना और प्राण-प्रतिष्ठा करना ही संस्कृति है। वस्तुतः
संस्कृति उन गुणों का समुदाय है, जहाँ अनेक प्रकार की शिक्षा अपने प्रयत्न से मनुष्य
प्राप्त करता है। संस्कृति का संबंध मुख्यतः मनुष्य की बुद्धि एवं स्वाभाव आदि मनोवृत्ति
से है। संक्षेप में सांस्कृतिक विशेषताएँ मनुष्य की मनोवृत्तियों से संबंधित है और इन
विशेषताओं का अनिवार्य संबंध जीवन के मूल्यों से होता है। ये विशेषताएँ या तो स्वयं
में मूल्यवान होती हैं अथवा मूल्यों के उत्पादन का साधन । प्रायः व्यक्तित्व में विशेषताएँ
साध्य एवं साधन दोनों ही रुपो में अर्थपूर्ण समझी जाती है। वस्तुत संस्कृति सामूहिक
उल्लास की कलात्मक अभिव्यक्ति है। संस्कृति व्यक्ति की नहीं, समष्टि की अभिव्यक्ति
है।
प्रश्न:-
(i) इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ii) निष्प्राण पत्थर को कैसे जीवंत बनाया जा सकता है ?
(iii) व्यक्तित्व में विशेषताएँ कब अर्थपूर्ण समझी जाती हैं ?
अथवा
दे रहे आह्वान तुझको मस्त होकर मेघ काले
उठ रही झंझा प्रबलतम जोर इनका आजमा ले।
शपथ तुझको जो हटाया एक पग भी आज पीछे
प्राण में भर अटल साहस खेल लें, इनको खिलालें।।
नाश की पटभूमिका पर, सृष्टि का कर चित्र अंकित।
विजय है तेरी सुनिश्चित।
प्रश्न :-
(i) उपयुक्त पद्यांश का शीर्षक लिखिए।
(ii) कवि सृष्टि का चित्र कहाँ अंकित करना चाहता है ?
(iii) कवि किसको आजमाने की बात कहता है ?
प्रश्न क्र.-20 निम्न पंद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए।
अंक-4
जथा पंख बिनु खग अतिदीना।
मनि बिनु फनि करिबर कर हीना।।
अस मम जिवन बंधु बिनु तो ही।
जौ जड़ दैव जिआवै मोही।।
अथवा
मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ,
शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ,
हो जिस पर भूपों के प्रासाद निछावर,
मैं वह खण्डहर का भाग लिए फिरता हूँ।।
प्रश्न क्र.-21 निम्न गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए।
अंक-4
मैं प्रायः सोचती हूँ कि जब ऐसा बुलावा आ पहुंचेगा, जिसमें न धोती साफ
करने का अवकाश रहेगा, न सामान बाँधने का, न भक्तिन को रुकने का अधिकार
होगा, न मुझे रोकने का, तब चिर-बिदा के अंतिम क्षणों में यह देहातिन वृद्धा क्या
करेगी और मैं क्या करूँगी?
अथवा
इससे यह तो हो सकता है कि वह चूरन वाला भगत हम लोगों के सामने
एकदम नाचीज आदमी हो। लेकिन आप पाठकों की विद्वान श्रेणी का सदस्य होकर
भी मैं यह स्वीकार नहीं करना चाहता हूँ कि उस अपदार्थ-प्राणी को वह प्राप्त है जो
हममें से बहुत कम को शायद प्राप्त हैं।
प्रश्न क्र.-22 उत्तर-पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन हेतु, सचिव, माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल को
आवेदन पत्र लिखिए
अंक-4
अथवा
अपने मित्र को हायर सेकेण्डरी (कक्षा 12वीं) की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में
उत्तीर्ण होने पर बधाई पत्र लिखिए
प्रश्न क्र.-23 किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में निबंध लिखिए
अंक-4
(अ) कोरोना - लक्षण एवं उपचार
(ब) स्वच्छ भारत अभियान
जीवन में कम्प्यूटर की आवश्यकता
उत्तम विद्यार्थी-उन्नत राष्ट्र
बालिका शिक्षा का महत्व
हायर सेकेण्डरी परीक्षा सत्र 2023
कक्षा- बारहवीं
विषय - हिन्दी
प्रश्न क्र.-1 सही विकल्प चुनकर लिखिए :
(i) भक्तिन सेवक धर्म में स्पर्द्धा करती थी :
उत्तर - (स) हनुमान
(ii) चौके के गीले होने का भावार्थ है -
उत्तर - (ब) वातावरण में नमीं
(iii) सिल्वर वैडिंग से अभिप्राय है :
उत्तर - (स) रजत जयंती
(iv) विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रही भारत की संस्थाएँ हैं :
उत्तर - (अ) चार
(v) "विभावानुभावव्याभिचारी संयोगात् रस निष्पत्ति।" यह परिभाषा है -
उत्तर - (ब) आचार्य भरतमुनि
(vi) "टेढ़ी खीर" मुहावरे का अर्थ है -
उत्तर - (द) कठिन कार्य
प्रश्न क्र. - 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्दों को लिखकर कीजिए
(i) शिरीष का पेड़ अपना रस वायुमंडल से खीचता है।
(ii) "बगुलों के पंख" के रचनाकार उमाशंकर जोशी है।
(iii) कूटीकरण को एनकोडिंग भी कहते हैं ।
(iv) आनन्दा की पाठशाला ग्यारह बजे से लगती थी।
(v) 'अच्छे विद्यार्थी परिश्रमी होते हैं यह साधारण वाक्य है।
(vi) गद्य-पद्य मिश्रित काव्य चम्पू काव्य कहलाता है।
(vii) आधुनिक काल के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र माने जाते हैं।
प्रश्न क्र. - 3 सही जोड़ियों का मिलान कर लिखिए :
(i) 'पहलवान की ढोलक' - (घ) फणीश्वर नाथ रेणु
(ii) हरिवंश राय बच्चन - (च) 'आत्म परिचय'
(iii) अतीत के पाँव - (छ) यात्रा वृतान्त
(iv) हिन्दी भाषा की लिपि - (ख) देव नागरी
(v) शब्द गुण - (ख) माधुर्य, ओज व प्रसाद
(vi ) समाचार लेखन के - (क) छः प्रकार
प्रश्न क्र. -4 निम्न प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए : -
(i) राजभाषा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर - जिस भाषा में सरकारी काम होता है उसे राजभाषा कहते हैं ।
(ii) कविता का पहला उपकरण क्या है ?
उत्तर - शब्द
(iii) यशोधर बाबू ने मैट्रिक की परीक्षा किस स्कूल से पास की थी ?
उत्तर - रेम्जे स्कूल
(iv) "मैं पढ़-लिखकर वकी बनूँगा" अछूतों के लिए कानून बनाऊँगा और छुआछूत को खत्म करुँगा"-कथन किसका है ?
उत्तर - डॉ. भीमराव अंबेडकर
(v) कविता पंख लगाकर कहाँ-कहाँ उड़ सकती हैं ?
उत्तर - कविता कल्पना के पंख लगाकर हर जगह उड़ सकती है।
(vi) राजा ने लुट्टन से क्या कहा ?
उत्तर - "जाओ, मेला देखकर घर जाओ ।"
(vii) महाकाव्य में किन-किन रसों की प्रधानता रहती है?
उत्तर - महाकाव्य में शांत वीर या श्रृंगार रस में से किसी एक की प्रधानता होती है ।
प्रश्न 5 सत्य / असत्य वाक्यों का चयन कर लिखिए :
(i) क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द क्रिया विशेषण होते हैं।
उत्तर - सत्य
(ii) शब्द शक्ति चार प्रकार की होती है।
उत्तर - असत्य
(iii) सिन्धु घाटी सभ्यता में पत्थर और तॉबे का प्रयोग होता था।
उत्तर - सत्य
(iv) लेखन का आशय यान्त्रिक हस्तकौशल होता है।
उत्तर - असत्य
(v) पाठ 'रुबाइयाँ व 'गजल' में कवि ने स्वयं को देश पर न्यौछावर कर दिया।
उत्तर - असत्य
(vi) मेरी कल्पना का आदर्श समाज पाठ के लेखक बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर हैं।
उत्तर - सत्य
प्रश्न 6 भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी।
उत्तर - भक्तिन का वास्तविक नाम लछमिन अर्थात् लक्ष्मी था। लक्ष्मी नाम समृद्धि व ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है, परन्तु यहाँ नाम के साथ गुण नहीं मिलता। उसके नाम व भाग्य में विरोधाभास है। वह सिर्फ नाम की लक्ष्मी है। समाज उसके नाम को सुनकर उसकी हँसी न उड़ाए इसीलिए वह अपना वास्तविक नाम लोगों से छुपाती थी।
अथवा पर्चेजिंग पाव से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर - पर्चेजिंग पावर का अर्थ खरीदने की शक्ति से है। लोग अपनी खरीदने की शक्ति को दिखाकर स्वयं को शक्तिशाली सिद्ध करते हैं। लेखक के अनुसार धन मनुष्य के सामर्थ्य का प्रतीक है।
प्रश्न 7 बच्चे किस बात की आशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे ?
उत्तर - चिड़ियाँ के बच्चे नीड़ों से इसलिए झाँकते हैं, क्योंकि उनके माता-पिता लौटकर आ रहें होंगे। ये बच्चे भूखे-प्यासे होंगे। उन्हें खाने की चीज मिलने की प्रतीक्षा होगी। वे सारे दिन अकेले रहकर अपने माता-पिता से मिलने को उत्सुक हैं।
अथवा रचना के सन्दर्भ में अंधड़’ और ‘बीज’ क्या हैं ?
उत्तर - रचना के संदर्भ में अंधड़ का अर्थ है भावना का है आवेग और बीज का अर्थ है विचार व अभिव्यक्ति है ।
प्रश्न 8 सवैया छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर - यह वर्णिक छन्द है। इसमें 4 चरण होते हैं। इसके प्रत्येक चरण में 22 से लेकर 26 तक वर्ण होते हैं।
उदाहरण – सेस, महेश, गनेस, दिनेस सुरेसहु जाहि निरंतर ध्यावें ।
जाहि अनादि अनन्त अखण्ड अछेद अभेद-सुवेद बतावें ॥
नारद से सुक व्यास रहें पचिहारे तक पुनि पार न पावें।
ताहि अहीर की छोहरियाँ, छछिया भरि छाछ पे नाच नचावें ॥
अथवा भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर- परिभाषा – “भ्रमवश जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु समझ लिया जाए तो वहाँ भ्रांतिमान अलंकार होता है।“
उदाहरण - समुझि तुम्हें घनश्याम हरि नाच उठे वन मोर ।
पाँव महावर देन को नाइन बैठी आय।
फिर-फिर जानि महावरी एड़ी मीड़ित जाय।
प्रश्न 9 निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ सहित वाक्य में प्रयोग कर लिखिए ?
(i) अपना उल्लू सीधा करना - अपना कार्य सिद्ध करना।
वाक्य - आज नेतागण अपना उल्लू सीधा करने के लिए मतदाताओं को तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं।
(ii) खाक छानना मारा-मारा फिरना।
प्रयोग - कुछ लोगों का काम नहीं है तो खाक छानते फिरते हैं।
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कर लिखिए
(i) शोक है कि तुम घायल हो गए।
(ii) घर में चाय केवल नाम मात्र को बची है।
प्रश्न 10 कहानी व उपन्यास में कोई दो अंतर लिखिए ?
अथवा
नाटक एवं एकांकी में कोई दो अंतर लिखिए ?
प्रश्न क्र. - 11 संचारी भाव किसे कहते हैं? किन्हीं चार संचारी भावों के नाम लिखिए ?
उत्तर - आश्रय के चित्त में उत्पन्न होने वाले अस्थिर मनोविकारों को संचारी भाव कहते हैं। काव्य मनीषियों ने इनकी संख्या 33 मानी है। चार संचारी भावों के नाम है- 1. आलस्य, 2. चिन्ता, 3. शंका, 4. ग्लानि ।
अथवा व्यंजना शब्द शक्ति की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए ?
प्रश्न 12 'जूझ' कहानी के आधार पर बताइए कि लेखक की मॉ नें पाठशाला जानें में क्या सहायता की ?
उत्तर - लेखक की माँ ने गाँव के जमींदार दत्ता जी राव सरकार से बात की। उन्होंने आनन्द के पिता को बुलाकर डाँटा तथा बच्चे को पढ़ाने के लिए कहा।
अथवा मुअनजोदड़ों के घरों की कोई दो विशेषताएँ लिखिए ?
उत्तर- 1. यहाँ के मकान पंक्तिबद्ध बने हुए थे।
2. मकान की पीठ मुख्य सड़क की ओर तथा दरवाजे गलियों की ओर खुलते थे।
प्रश्न 13 फीचर लेखन से क्या आशय है ?
उत्तर - फीचर एक सुव्यवस्थित सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने, शिक्षित करने के साथ मुख्य रूप से उनका मनोरंजन करना होता है।
अथवा बिंब क्या है? कविता में बिंब का क्या कार्य है?
उत्तर - बिम्ब का अर्थ है मूर्त रूप प्रदान करना कविता में बिम्ब एक ऐसा भावनात्मक चित्र है जो रूपक आदि का आधार ग्रहण कर भावनाओं को तीव्र करता है। बिम्ब काव्य अनुभूति को पाठक से एकाकार करा देता है।
प्रश्न क्र. 14 भाव पल्लवन कर लिखिए ?
"मुल्क बदल जाए वतन तो वतन होता है'
उत्तर- इस सूक्ति-वाक्य में देशप्रेम की भावना को व्यक्त किया गया है। व्यक्ति की कार्यवश किसी दूसरे देश में जाना पड़ सकता है। दूसरे देश जाने का उद्देश्य व्यापार, रोजगार, पर्यटन आदि हो सकता है। वहाँ पर वह निवास करता है लेकिन जो लगाव उसे अपने वतन जहाँ पर वह जन्मा, पढ़-लिखकर बड़ा हुआ, अपने परिवार के बीच में रहा उसे सदैव याद आते रहते हैं। अपने वतन की सभ्यता, संस्कृति, रीति-रिवाज, उत्सव उसे भूलते नहीं हैं। इसलिए कहा गया है कि मुल्क बदल जाये वतन तो वतन होता है।
अथवा उपसर्ग एवं प्रत्यय में अंतर लिखिते हुए दोनों के एक-एक उदाहरण दीजिए ?
प्रश्न 15 छायावाद की दो प्रवृत्तियाँ लिखते हुए दो छायावादी कवि के नाम लिखिए ?
उत्तर - 1. इस काव्य में प्रेम और सौंदर्य का चित्रण किया गया है तथा वेदना और करुणा की धारा प्रवाहित हुई है।
2. इस काव्य में प्रकृति का मानवीकरण किया गया है।
अथवा प्रगतिवाद की दो प्रवृत्तियाँ लिखते हुए दो प्रगतिवादी कवि के नाम लिखिए ?
उत्तर- 1. इस काव्य में जीवन के प्रति यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाया गया है।
2. इस काव्य में शोषक वर्ग के प्रति आक्रोश व्यक्त किया गया है।
प्रश्न 16 फणीश्वरनाथ रेणु अथवा हजारी प्रसाद द्विवेदी की निम्न बिन्दुओं के आधार पर साहित्यगत विशेषताएँ लिखिए ?
(i) रचनाएँ - कोई दो
(ii) भाषा - शैली
फणीश्वर नाथ रेणु’
रचनाएँ - मैला आँचल, आदिम रात्रि की महक ।
साहित्यिक विशेषताएँ (भाषा-शैली) – रेणु की भाषा भी अंचल-विशेष से प्रभावित है। वे स्थानीय दृश्यों के चित्रण तथा पात्रों के व्यक्तित्व के अनुरूप भाषा प्रस्तुत करने में विशेष सफल रहे हैं। वे ग्रामीण क्षेत्र के अभावग्रस्त जीवन का चित्रण करने में सिद्धहस्त हैं। उनकी कहानियाँ यथार्थ की कसौटी पर सटीक उतरती हैं। इन्होंने आम बोलचाल की भाषा को अपनाया हैं। मिश्रित शब्दावली का प्रयोग है। गंभीर विषयों पर भाषा संस्कृतनिष्ठ हो जाती है। उनकी रचनाओं की भाषा में ग्रामीण अंचल के शब्दों की अधिकता रहती है। इसके साथ ही इन्होंने अंग्रेजी शब्दों के ग्राम्य रूपों को भी अपनाने का प्रयत्न किया है। इनकी शैली में चित्रात्मकता के साथ-साथ वर्णनात्मकता, संवादात्मकता तथा आत्मकथात्मकता के दर्शन होते हैं। भाव-प्रवाह के अनुसार वाक्य छोटे हो जाते हैं। विशेषणों का सुन्दर प्रयोग है। संक्षेप में कहा जा सकता है कि ग्रामीण वातावरण को सजीवता प्रदान करना इनकी भाषा-शैली की प्रमुख विशेषता है।
हजारी प्रसाद द्विवेदी
रचनाएँ - अशोक के फूल, बाणभट्ट की आत्मकथा।
साहित्यिक विशेषताएँ (भाषा-शैली) - आचार्य द्विवेदीजी का भाषा पर पूर्ण अधिकार है। उन्होंने शुद्ध एवं साहित्यिक भाषा का ही साहित्य में प्रयोग किया है। भाषा तत्सम प्रधान है। इनकी रचनाओं में पांडित्य प्रदर्शन की अपेक्षा सहजता व सरलता है। तत्सम शब्दावली के साथ इन्होंने तद्भव, देशज, उर्दू-फ़ारसी आदि भाषाओं का प्रयोग किया है। इस प्रकार उनकी भाषा परिनिष्ठित, सुसंस्कृत, व्याकरण के अनुशासन से अनुशासित, विषयानुकूल, भावुकता एवं कविता को छटा से परिपूर्ण है। द्विवेदीजी की शैली उनके व्य का द्योतक है। उनके साहित्य में गंभीर विषय के बीच-बीच हास्य एवं व्यंग्य के छोटे मिलते हैं। उनकी नाट्य शैली हिन्दी साहित्य के लिए वरदान स्वरूप है। इन्होंने अपने निबंधों में विचारात्मक, भावनात्मक, व्यंग्यात्मक शैलियों को अपनाया है। अपने लेखन द्वारा निबंध विधा को सर्जनात्मक साहित्य की कोटि में ला देने वाले द्विवेदीजी के निबंध व्यक्तित्व- व्यंजना और आत्मपरक शैली से युक्त हैं।
प्रश्न क्र. - 17 कुँवर नारायण अथवा रघुवीर सहाय की काव्यगत विशेषताएँ लिखिए ?
(i) रचनाएँ कोई दो
(ii) भाव पक्ष - कला पक्ष
रघुवीर सहाय
रचनाएँ - सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या के विरुद्ध ।
काव्यगत विशेषताएँ - रघुवीर सहाय ने अपने काव्य में सामान्य व्यक्ति की पीड़ा व्यक्त की है। ये साठोत्तरी काव्य लेखन के सशक्त, प्रगतिशील व चेतना-संपन्न रचनाकार हैं। इन्होंने सड़क, चौराहा, दफ्तर, अखबार, संसद, बस, रेल और बाजार की बेलौस भाषा में कविता लिखी। हत्या-लूटपाट, राजनीतिक भ्रष्टाचार और छल-छम इनकी कविता में उतरकर खोजी पत्रकारिता की सनसनीखेज रपटें नहीं रह जाते, वे आत्मान्वेषण के माध्यम बन जाते हैं। इन्होंने कविता को एक कहानीपन और नाटकीय वैभव दिया।
रघुवीर सहाय ने बतौर पत्रकार और कवि घटनाओं में निहित विडंबना और त्रासदी को देखा। उनकी कविताओं की विशेषता है कि, इन्होंने छोटे या लघु की महत्ता को स्वीकारा और उन लोगों व उनके अनुभवों को अपनी रचनाओं में स्थान दिया जिन्हें समाज में हाशिए पर रखा जाता है इन्होंने भारतीय समाज में ताकतवरों की बढ़ती हैसियत के खिलाफ भी साहित्य और पत्रकारिता के पाठकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।
कुंवर नारायण
रचनाएँ- चक्रव्यूह (1956), आज और आज से पहले।
काव्यगत विशेषताएँ- कवि ने कविता की विधा को अपने सृजन कर्म में हमेशा प्राथमिकता दी। आलोचकों का मानना है कि, उनकी कविता में व्यर्थ का उलझाव, अखबारी सतहीपन और वैचारिक धुंध की बजाय संयम, परिष्कार और साफ-सुथरापन है। कुँवर नारायण नागरीय संवेदना के कवि हैं। इनकी तटस्थ वीतराग दृष्टि नोच-खसोट, हिंसा-प्रतिहिंसा से सहमे हुए एक संवेदनशील मन के आलोड़नों के रूप में पढ़ी जा सकती है।
प्रश्न क्र. 18 'आधुनिक भारत' इस शीर्षक पर एक अनुच्छेद लिखिए ?
उत्तर - कई वर्षों की लम्बी दासता के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश भारत स्वतन्त्र हुआ। लोकतंत्र का विकास हुआ है। भारत आज विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहलाता है। आजादी के बाद हमने लोकतंत्र को अपनाया। देश में आय के साधन बढ़ें हैं। कृषि उत्पादन व औद्योगिक उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। हमारे देश ने चिकित्सा व विज्ञान के क्षेत्र में विशेष प्रगति की है। दूरसंचार के क्षेत्र में विशेष प्रगति हुई है।
अपनी सदियों पुरानी परम्परा और सांस्कृतिक विरासत को लिए हुए भी भारत निरन्तर विकास कर मंजिलें तय कर रहा है। निश्चय ही आज भारत वैसा नहीं है जैसा कि स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय था जीवन के विविध क्षेत्रों में भारत ने अनेक विशिष्ट परिवर्तन किए हैं और परिवर्तन की यह प्रक्रिया निरन्तर चल रही है।
देश में भ्रष्टाचार, मिलावट खोरी, नशे की लत आदि बुराईयों ने जन्म लिया है। देश की सीमाओं पर दुश्मन की नजर लगी हुई है। चुनावों में जातिवाद बढ़ता जा रहा है लेकिन भारत इन चुनौतियों के बावजूद विकास के नए सोपान गढ़ रहा है।
अथवा
'जनसंख्या समस्या' इस शीर्षक पर डॉक्टर तथा नागरिक का संवाद लिखिए।
प्रश्न क्र. - 19 निम्न लिखित अपठित गद्यांश / अपठित काव्यांश के प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
"जो अनगढ़ है जिसमें कोई आकृति नहीं, ऐसे पत्थरों को आकृति प्रदान करना, उसमें कलात्मक संवेदना जगाना और प्राण-प्रतिष्ठा करना ही संस्कृति है। वस्तुतः संस्कृति उन गुणों का समुदाय है, जहाँ अनेक प्रकार की शिक्षा अपने प्रयत्न से मनुष्य प्राप्त करता है। संस्कृति का संबंध मुख्यतः मनुष्य की बुद्धि एवं स्वाभाव आदि मनोवृत्ति से है। संक्षेप में सांस्कृतिक विशेषताएँ मनुष्य की मनोवृत्तियों से संबंधित है और इन विशेषताओं का अनिवार्य संबंध जीवन के मूल्यों से होता है। ये विशेषताएँ या तो स्वयं में मूल्यवान होती हैं अथवा मूल्यों के उत्पादन का साधन प्रायः व्यक्तित्व में विशेषताएँ साध्य एवं साधन दोनों ही रुपो में अर्थपूर्ण समझी जाती है। वस्तुत संस्कृति सामूहिक उल्लास की कलात्मक अभिव्यक्ति है। संस्कृति व्यक्ति की नहीं, समष्टि की अभिव्यक्ति है।
प्रश्न :
1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर- शीर्षक संस्कृति ।
2. निष्प्राण पत्थर को कैसे जीवन्त बनाया जा सकता है?
उत्तर – संस्कृति के द्वारा निष्प्राण पत्थर को जीवंत बनाया जा सकता है।
3. व्यक्तित्व में विशेषताएँ कब अर्थपूर्ण समझी जाती हैं ?
उत्तर - साधन और साध्य में एकरूपता होने पर ही व्यक्तित्व में विशेषताएँ अर्थपूर्ण समझी जाती हैं।
अथवा
दे रहे आह्वान तुझको मस्त होकर मेघ काले
उठ रही झंझा प्रबलतम जोर इनका आजमा ले।
शपथ तुझको जो हटाया एक पग भी आज पीछे
प्राण में भर अटल साहस खेल लें, इनको खिलालें ।।
नाश की पटभूमिका पर सृष्टि का कर चित्र अंकित ।
विजय है तेरी सुनिश्चित
(i) उपयुक्त पद्यांश का शीर्षक लिखिए।
(ii) कवि सृष्टि का चित्र कहाँ अंकित करना चाहता है ?
(iii) कवि किसको आजमाने की बात कहता है ?
प्रश्न क्र. - 20 निम्न पंद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए।
जथा पंख बिनु खग अतिदीना।
मनि बिनु फनि करिबर कर हीना ।।
अस मम जिवन बंधु बिनु तो ही।
जौ जड़ दैव जिआवै मोही ।।
अथवा
मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ,
शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ,
हो जिस पर भूपों के प्रासाद निछावर,
मैं वह खण्डहर का भाग लिए फिरता हूँ ।।
संदर्भ - प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘आरोह, भाग 2’ में संकलित कविता ‘आत्म परिचय’ से उद्धृत की गई हैं। इसके कवि हरिवंश राय बच्चन हैं।
प्रसंग - कवि विरह की पीड़ा से व्यथित है। उसके हृदय में अपने प्रिय की यादें शेष बची हैं। उसके मधुर गीतों में निजी प्रेम को खोने की तीव्र वेदना सोई हुई है।
भावार्थ- कवि कहता है कि वह अपने रोदन (रोने) में भी एक विशिष्ट प्रेम लिए फिरता है अर्थात् कवि अपने गीतों में भी अपनी इसी प्रेम जड़ित पीड़ा को पिरोकर गाता फिरता है। उसकी शीतल वाणी (मधुर वाणी) में भी आग समाई हुई है अर्थात् उसमें असंतोष झलकता है। उसका जीवन प्रेम में निराशा के कारण खंडहर-सा है, ऐसे खंडहर का वह एक हिस्सा लिए घूमता है जिस पर राजा के महलों को भी न्योछावर किया जा सकता है अर्थात् कवि अपने मूल्यवान प्रेम को मन में बसाए हुए है।
प्रश्न क्र. 21 निम्न गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए।
मैं प्रायः सोचती हूँ कि जब ऐसा बुलावा आ पहुॅचेगा, जिसमें न धोती साफ करने का अवकाश रहेगा, न सामान बाँधने का न भक्तिन को रुकने का अधिकार होगा, न मुझे रोकने का, तब चिर बिदा के अंतिम क्षणों में यह देहातिन वृद्धा क्या करेगी और मैं क्या करुँगी ?
सन्दर्भ - प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘आरोह’ के गद्य खंड के अंतर्गत ‘भक्तिन’ नामक रेखाचित्र से लिया गया है, इसकी लेखिका महादेवी वर्मा जी हैं।
प्रसंग - इस गद्यांश में लेखिका भक्तिन’ के बारे में विचार कर रही है।
व्याख्या - भक्तिन सदैव लेखिका के साथ रहना चाहती है। एक समय ऐसा भी आयेगा जब कोई साथ नहीं होगा अर्थात् जब मृत्यु निकट आ जावेगी तब भक्तिन किस काम की बात करेगी, क्योंकि उस स्थिति में वह काम करने योग्य नहीं होगी। न सामान बांध पावेगी न कपड़े धो पावेगी, इस असहाय स्थिति में भक्तिन कुछ नहीं कर पायेगी और लेखिका स्वयं के बारे में लिखती है कि मैं भी कुछ नहीं कर पाऊँगी।
अथवा इससे यह तो हो सकता है कि वह चूरन वाला भगत हम लोगों के सामने एकदम नाचीज आदमी हो लेकिन आप पाठकों की विद्वान श्रेणी का सदस्य होकर भी मैं यह स्वीकार नहीं करना चाहता हूँ कि उस अपदार्थ प्राणी को वह प्राप्त है जो हममें से बहुत कम को शायद प्राप्त हैं।
प्रश्न 22 उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन हेतु, सचिव, माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल को आवेदन पत्र लिखिए ।
अथवा
अपने मित्र को हायर सेकेण्डरी (कक्षा 12वीं) की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर बधाई पत्र लिखिए -
प्रश्न क्र. 23 किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में निबंध लिखिए
(अ) कोरोना लक्षण एवं उपचार
(ब) स्वच्छ भारत अभियान
(स) जीवन में कम्प्यूटर की आवश्यकता
(द) उत्तम विद्यार्थी-उन्नत राष्ट्र बालिका शिक्षा का महत्व
कोरोना लक्षण एवं उपचार
प्रस्तावना - कोरोना वायरस (कोविड 19) एक संक्रामक बीमारी है जो पहली बार एक वायरस के फैलने से सामने आई. इसकी शुरूआत चीन से हुई। चीन में बुहान के हुबोई प्रांत में एक के दिसम्बर, 2019 को एक मरीज में इस वायरस के प्रवेश की पुष्टि हुई। आज संसार के लगभग सभी देश इस महामारी की चपेट में हैं। भारत भी इस वायरस से अछूता नहीं रहा, कोरोना का प्रसार भारत में भी हो गया। भारत सरकार ने समय पर ही सजग होकर इसकी रोकथाम के प्रयास शुरू कर दिए।
महामारी के संक्रमण के लक्षण- इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति में कुछ लक्षण प्रकट होने लगते हैं, जैसे- बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ आदि। कभी-कभी यह भी देखने में आया कि संक्रमित व्यक्ति को कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दिए।
बीमारी का प्रसार - इस बीमारी का संक्रमण मुख्य रूप से हवा की बूँदों के माध्यम से होता है। संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने से बूंदें दो गज दूर तक जा सकती हैं और स्वस्थ व्यक्ति इनके सम्पर्क में आकर बीमार पड़ सकता है; इस तरह इस बीमारी का प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में होता है ।
बीमारी से बचाव - संक्रमण से बचने के कुछ उपाय बताए – गए हैं जो इस बीमारी से बचाव में काफी सहायक हैं। (1) साबुन और पानी से समय-समय पर हाथ धोएँ। (2) मुँह, नाक को अच्छी तरह ढकते हुए मास्क लगाएँ। (3) संक्रमण से बचने के लिए बाहर आने-जाने पर तथा भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। (4) बाहर निकलते समय किसी भी व्यक्ति से दो गज की दूरी बनाएँ। (5) व्यक्ति को अपना स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए नियमित व्यायाम, योग, आसन तथा घूमने का क्रम बनाए रखना चाहिए। (6) सेनेटाइजर का प्रयोग करना चाहिए। ‘इस महामारी से बचाव के लिए टीका (वैक्सिन) लगवाना चाहिए ।
कोविड-19 का मानव जीवन पर प्रभाव - कोविड-19 महामारी से आम आदमी भवग्रस्त हो हो गया है। आर्थिक गतिविधयाँ रुक जाने से बेरोजगारी बढ़ गई है। लोग आपस में मिलने-जुलने में सावधानी बरत रहे हैं। त्यौहारों, उत्सवों पर रोक लगने से मानव मन खिन्न हो गया है। यह देखा गया है कि लोगों में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। लोग इसे प्राकृतिक प्रकोप मानकर चल रहे हैं इसलिए कृति के क्रियाकलापों के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी है। निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
उपसंहार - विश्व के अन्य देशों के साथ-साथ कोरोना ने भारत में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। सामाजिक दूरी, मास्क आदि ही प्रारम्भिक स्तर पर इसकी रोकथाम का उपचार है। उम्मीद की जा रही है कि इस वायरस का टीका (वैक्सीन) लगने के बाद लोगों को इस महामारी से राहत मिल सकेगी।
स्वस्य प्राचार्य कृते अवकाशार्थम् एक प्रार्थनापत्र संस्कृते
वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर अपने मित्र को बधाई पत्र
स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु प्राचार्य को आवेदन-पत्र
ध्वनि विस्तारक यन्त्र के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु जिलाधीश को आवेदन-पत्र
वार्षिक बोर्ड परीक्षा के अंक इतने अधिक महत्वपूर्ण क्यों है?
बोर्ड परीक्षा के अंक इतने अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंक आपकी वार्षिक परीक्षा
मे भी जुड़ते है
बोर्ड परीक्षा की कॉपी लिखने का सही तरीका!
आप सभी को पता होगा कि आपकी बोर्ड परीक्षा प्रारम्भ हो गयी है और सभी के मन में ही सवाल है कि हम अपनी प्रीबोर्ड परीक्षा में किस प्रकार लिखें तो आज के इस आर्टिकल में हम बोर्ड परीक्षा की कॉपी लिखने का सही तरीका आपको बताएगे हमनें नीचे कुछ बिंदु बताएं है जो आपको वार्षिक परीक्षा की कॉपी अच्छी लिखने मे मदद होंगी
1.सबसे पहले आपके पास 2 से अधिक Pen होना चाहिए
2.Handwriting अच्छा होना चाहिए
3.Questions Paper को ठीक से पढ़ें
4.आपको यह पूरी तरह से Clear हो कि किस कैटेगरी से कितना मार्क्स मिलेगा और कितना सवाल हल करना हैं
5.कोशिश करें सभी प्रश्नों का आंसर अपने शब्दों में दें
जितनी आवश्यक हो उतने ही शब्दों में जवाब दें
6.कॉपी पर कहीं भी कट-फट नहीं करें
7. विकल्पवाले प्रश्न में जो बन पाए उसे पहले हल करें
8.सभी प्रश्नों को हल करें
बोर्ड परीक्षा 2023 क्या है?
वर्ष का वह समय फिर से आ गया है जब प्रत्येक छात्र केवल एक ही चीज़ की तैयारी में व्यस्त है- बोर्ड परीक्षा
बोर्ड परीक्षा में काफी तनाव और चिंता जुड़ी होती है। छात्र अर्ध-वार्षिक परीक्षाओं पर अत्यधिक ध्यान देते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वार्षिक परीक्षाओं के लिए उनका प्रतिशत अच्छा बना रहे। यदि आप अर्धवार्षिक की तैयारी कर रहे छात्र हैं, तो हम आपके लिए कुछ टिप्स और ट्रिक्स लेकर आए हैं, जिससे आपकी अर्ध-वार्षिक परीक्षा में कोई अंक न छूटे।
लेकिन आगे जाने से पहले याद रखें कि यह सिर्फ एक परीक्षा है। एक परीक्षा आपको कभी बना या बिगाड़ नहीं सकती। भले ही आपको प्रीबोर्ड परीक्षा परीक्षाओं में अच्छे अंक न मिले हों, फिर भी आपके पास अंतिम परीक्षा के लिए खुद को भुनाने के लिए बहुत समय है।
अब परीक्षा सामग्री पर वापस आते हैं, आम तौर पर, अर्ध-वार्षिक परीक्षा केवल 20-30% के लायक होती है, जो मूल रूप से आपके समग्र अंकों और प्रतिशत पर ज्यादा कब्जा नहीं करती है।
फिर भी इस 20-30 फीसदी हिस्सेदारी के लिए अच्छी तैयारी करना जरूरी है। अर्ध-वार्षिक परीक्षाओं के लिए अच्छी तैयारी करने से आपको आगामी फाइनल टर्म परीक्षाओं के लिए बढ़त मिलेगी,
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